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गोवा मुक्ति दिवस 19 दिसम्बर

गोवा मुक्ति दिवस 19 दिसम्बर
क्यों: पुर्तगाली शासन से गोवा को मिली आजादी के अवसर पर।
आपरेशन विजय :
• सन् 1961 में भारतीय सशस्त्र (वायु, जल, एवं थल) सेना द्वारा एक आक्रामक ऑपरेशन के तहत गोवा को पुर्तगाल के आधिपत्य से मुक्त कराकर भारत में मिलाया गया ।
• इस आक्रमण को "आपरेशन विजय" का कूटनाम दिया गया था।
इस दौरान :
• भारतीय राष्ट्रपति – डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।
• भारतीय प्रधानमंत्री – प. जवाहर लाल नेहरू।
• रक्षामंत्री - वी. के. कृष्णा मेनन।
इतिहास : 
• पुर्तगाली (सन् 1510 – 1961 तक) भारत आने वाले प्रथम और सबसे अंत में जाने वाले यूरोपीय शासक थे।
• प्रथम शासक - अलफांसो-द-अल्बुकर्क (सन् 1510)। 
• सन् 1809 - 1815 - नेपोलियन ने पुर्तगाल पर कब्जा किया और एंग्लो पुर्तगाली गठबंधन के बाद गोवा स्वत: ही अंग्रेजों के अधिकार क्षेत्र में आ गया। 
• 1815 से 1947 तक गोवा पूर्णतया अंग्रेजों के अधीन रहा ।
• 1947 में अंग्रेजों ने कूटनीतिक तर्क देते हुए गोवा को पुन: पुर्तगाली उपनिवेश घोषित कर दिया। 
महत्वपूर्ण तथ्य :
• पुर्तगाल की तरफ से गोवा को दिया जाने वाला दर्जा जो उन्हें अंग्रेजों से काफी अलग करता था –  
1. ‘वाइस किंगडम’ (पूर्व में पुर्तगाल की राजधानी ) का दर्जा दिया।  
2. नागरिकों को पुर्तगाल के निवासियों के समान ही अधिकार प्राप्त थे।
3. 19वीं शताब्दी में गोवा के कुछ रसूखदारों को पुर्तगाली संसद में गोवा का प्रतिनिधि चुनने का मताधिकार भी प्राप्त हुआ।
• गोवा के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री - श्री दयानंद भंडारकर (20 दिसम्बर, 1962)।  
• सन् 1967 - जनमत संग्रह को देखते हुए गोवा को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। 
• 30 मई, 1987 - गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के साथ ही वह भारतीय गणराज्य का 25वाँ राज्य बना।

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