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यूक्रेन-रूस विवाद पर एक आधारभूत समझा के लिए एक लघु लेख :

 यूक्रेन-रूस विवाद पर एक आधारभूत समझा के लिए एक लघु लेख :


हम इस लेख में यूक्रेन और रूस के प्राचीन इतिहास या किसी अन्य संदर्भ को लेकर चर्चा ना करते हुए वर्तमान में जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसके लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की चर्चा करेंगे ।


• सर्वप्रथम आप लोगों को यह जानना चाहिए कि यूक्रेन एक देश के रूप में 1991 में यूएसएसआर (USSR) के विघटन के फल स्वरुप बना। 


• यदि इसकी भौगोलिक स्थिति की चर्चा की जाए तो यह है पूर्वी यूरोप मैं रूस के साथ सीमा साझा करता है एवं काला सागर के उत्तर में स्थित है। 


• विवाद का सबसे बड़ा प्रमुख कारण " क्रीमिया प्रायद्वीप " यह प्रायद्वीप काला सागर (Black Sea ) में स्थित है और यहां इस क्षेत्र का प्रमुख बंदरगाह भी स्थित है । 


• इसी उपरोक्त क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूस ने 2014 में हमला कर यूक्रेन से छीन लिया और वर्तमान में यह रूस के अधीन है।


• 2014 के बाद यूक्रेन इसी क्रीमया प्रायद्वीप को वापस लेने के विचार से पश्चिम यूरोप के देशों एवं अमेरिका इत्यादि की तरफ झुकाव बढ़ा रहा है ।


• नाटो ( NATO ) एक सैन्य संगठन है जिसका गठन यूरोप के देशों ने तत्कालीन USSR के हमले की स्तिथि से निपटने के किया था अमेरिका भी इस संगठन का एक महत्वपूर्ण सदस्य है । अब विवाद का जो दूसरा बड़ा पहलू है वह है यूक्रेन का नाटो संगठन में शामिल होने का डर । रूस का कहना की अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश यूक्रेन इत्यादि को नाटो में शामिल करके मास्को के नजदीक तक सैन्य तैनाती बढ़ाना चाहते हैं जिससे हमें खतरा होगा ।


• तीसरा जो कारण जो रूस बता रहा है वह यह है कि यूक्रेन अब एक कठपुतली देश रह गया है जिसकी स्वयं की कोई संप्रभुता नहीं है यह सिर्फ कुछ बढ़ी शक्तियों के इसरो पर सब कुछ कर रहा है जो हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है ।


• एक और आरोप रूस के द्वारा लगाया गया है कि यूक्रेन में जो रूसी अल्पसंख्यक लोग है उनके साथ भेदभाव करता है तथा हमसे लड़ने के लिए परमाणु हत्यार बना सकता है ।


उपरोक्त सब कारण रूस द्वारा यूक्रेन पर सैन्य कार्यवाही के लिए बताया गया है और यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र देश की मान्यता रूस के द्वारा दे दी गई है और लेख लिखने तक जानकारी मिली है की रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर मिसाइल दागी हैं और युद्ध की शुरुआत कर दी है ।


अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े देश रूस को अंजाम भुगतने की धमकी देते रहे लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इनकी धमीकियों पर ध्यान न देते हुए कीव पर हमला कर दिया है । अब आगे देखने होगा की नाटो संगठन और अमेरिका का क्या स्टंट होता है और यदि नाटो और अमेरिका इस युद्ध में शामिल हो जाते है तो हो सकता है अब दुनिया को तीसरा विश्व युद्ध देखना पढ़े ।


By - मोनू गुप्ता

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