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Scientists detect potential signs of extraterrestrial life on Venus in Hindi

 

वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह पर अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया

वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह पर अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया


इस अध्ययन के co-writer क्लारा सूसा-सिल्वा के मुताबिक, शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन को खोजने के लिए सबसे प्रशंसनीय व्याख्या अलौकिक (एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल) जीवन का अस्तित्व है.
वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह पर अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया
वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह पर अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया


वैज्ञानिकों ने इस 14 September, 2020 को ये बात बताई  थी कि, उन्होंने निर्जन शुक्र ग्रह पर life के संभावित संकेतों का पता लगाया है जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. इन scientists ने शुक्र ग्रह के अम्लीय बादलों में फॉस्फीन नामक एक गैस पदार्थ का पता लगाया है जिससे यह अनुमान होता है कि, पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह पर  जीवन संभव हो सकता है।


 हवाई में Jems  Clerk maxway ने  telescope के उपयोग से यह जानकारी इकट्ठा की उनके साथ उनकी टीम भी थी। इन शोधकर्ताओं ने बाद में चिली में ALMA (अटाकामा लार्ज मिलिमीटर / सबमिलिमिटर एरे) रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करके अपनी इस खोज की पुष्टि की.

यह अध्ययन वैज्ञानिक पत्रिका - नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित हुआ था.

इस खोज का क्या अर्थ है?


अध्ययन के सह-लेखक क्लारा सूसा-सिल्वा के अनुसार, शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन को खोजने के लिए सबसे प्रशंसनीय व्याख्या अलौकिक जीवन का अस्तित्व है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सोसा-सिल्वा आणविक खगोल भौतिकीविद् हैं.

उन्होंने आगे यह बताया कि, यह खोज बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि, "यदि यह फॉस्फीन है, और यदि यह जीवन है, तो इसका मतलब है कि हम अकेले नहीं हैं." उन्होंने आगे यह भी कहा कि, इसका मतलब है कि, जीवन खुद में एक बहुत सामान्य-सी प्रक्रिया है और हमारी आकाशगंगा में कई अन्य ग्रह जीवन से आबाद होने चाहिए.

फॉस्फीन क्या है? 

फॉस्फीन परिवेशी तापमान पर एक ज्वलनशील, रंगहीन और विस्फोटक गैस है जिसमें लहसुन या सड़ने वाली मछली की गंध होती है.

शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन की उपस्थिति

•    फॉस्फीन का पता शुक्र ग्रह के वायुमंडल के समशीतोष्ण क्षेत्र में 20 भाग - प्रति बिलियन में लगभग 50 किमी की ऊंचाई पर लगाया गया था, यह एक ऐसा संकेंद्रण है जो ज्ञात रासायनिक प्रक्रियाओं से संभव नहीं है, क्योंकि शुक्र ग्रह में उच्च तापमान और फॉस्फीन बनाने के लिए दबाव का अभाव है जिस तरह से अन्य गैस से युक्त विशाल ग्रह जैसेकि बृहस्पति करते हैं.

•    इस अध्ययन में यह कहा गया है कि, शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन की उपस्थिति के लिए संभावित स्पष्टीकरण कुछ अज्ञात फोटोकैमिस्ट्री या जियोकेमिस्ट्री हो सकते हैं या फिर, पृथ्वी पर PH3 के जैविक उत्पादन के सादृश्य हो सकते हैं - यह जीवन की उपस्थिति से भी संभव हो सकता है.

•    इस अध्ययन के प्रमुख लेखक जेन ग्रीव्स ने यह खुलासा किया है कि, शोधकर्ताओं ने अपने शोध में ज्वालामुखी, उल्कापिंड, बिजली और विभिन्न प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रियाओं जैसे संभावित गैर-जैविक स्रोतों की भी जांच की, लेकिन इनमें से कोई भी दिखाई नहीं दिया.

अलौकिक जीवन के संभावित संकेत


अंतरिक्ष अध्ययन शुरू किए जाने के बाद से लोकोत्तर जीवन का अस्तित्व विज्ञान के सर्वोपरि प्रश्नों में से एक रहा है. वैज्ञानिकों ने हमारे सौर मंडल और उससे आगे के अन्य ग्रहों और चंद्रमाओं पर "बायोसिग्नेचर्स" या जीवन के अप्रत्यक्ष संकेतों की तलाश के लिए जांच और दूरबीन का उपयोग किया है.

हालांकि, शुक्र ग्रह हमारे सौर मंडल में जीवन की खोज का केंद्र बिंदु नहीं था. मंगल ग्रह और बाहरी दुनिया के अन्य ग्रह अलौकिक जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर केंद्र बिंदु रहे हैं.

शुक्र ग्रह जीवन  क्यों नहीं है?

•    सूर्य से दूसरे प्लैनेट और पृथ्वी के निकटतम पड़ोसी प्लैनेट, इस शुक्र ग्रह की संरचना ऐसी है जो पृथ्वी की तरह ही है लेकिन पृथ्वी से थोड़ी छोटी है. इस ग्रह को घने, विषैले वातावरण में लिपटे होने के लिए जाना जाता है जो गर्मी को रोकता है. शुक्र ग्रह की सतह का तापमान लगभग 471 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जोकि इतना अधिक गर्म होता है कि सीसा पिघल जाए. इसलिए, इस ग्रह को जीवन रहित या निर्जन माना जाता है.

•    अध्ययन के सह-लेखक क्लारा सूसा-सिल्वा के अनुसार, शुक्र ग्रह की सतह पर बहुत लंबे अरसे पहले जीवन हो सकता था और बहुत समय पहले जब किसी ग्रीनहाउस प्रभाव ने इस ग्रह के विशाल हिस्से को पूरी तरह से निर्जन बना दिया. उन्होंने आगे यह कहा है कि, वे केवल अनुमान लगा सकती हैं कि, अगर शुक्र ग्रह पर जीवन हो सकता है तो क्या वह जीवन बच सकता है.

सार


शुक्र  पर लाइफ की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए एक नई space Research की आवश्यकता हो सकती है. यह नवीनतम अध्ययन अलौकिक जीवन के निशान खोजने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नीति में  बड़ा बदलाव ला सकता है।

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