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भारत की पहली एंटी सैटेलाइट मिसाइल (ASAT) के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया.

डाक विभाग ने 15 सितंबर, 2020  को  भारत ने  पहली सफल एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (A-SAT) क
परीक्षण की याद में एक डाक टिकट लॉन्च किया. 
A-SAT (एंटी-सैटेलाइट) मिसाइल परीक्षण 'मिशन शक्ति के बारे में '

एंटी-सैटेलाइट (A-SAT) मिसाइल परीक्षण 'मिशन शक्ति ’का सफलतापूर्वक परीक्षण 27 मार्च, 2019 को ओडिशा के डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम द्वीप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया था.

DRDO ने A-SAT मिसाइल विकसित की और 'हिट टू किल' ('Hit to Kill') मोड में लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में इंडियन ऑर्बिटिंग टारगेट सॅटॅलाइट को सफलतापूर्वक शामिल किया.

यह एक इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसमें दो ठोस रॉकेट बूस्टर के साथ तीन चरण हैं.

डेटा को रेंज सेंसर से ट्रैक किया गया था जिसने मिशन के बारे में पुष्टि की थी कि सभी उद्देश्य पूरे हो चुके हैं.

अगर पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमना बंद कर दे तो क्या होगा?

मिशन का महत्व

ऐसी विशिष्ट और आधुनिक क्षमता हासिल करने के लिए, भारत एकमात्र चौथा देश है.

पूरा मिशन स्वदेशी था जिसने इस तरह के जटिल और महत्वपूर्ण मिशनों को विकसित करने के लिए राष्ट्र की क्षमता का प्रदर्शन किया.

आपको बता दें कि अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास ही अंतरिक्ष में एक जीवित लक्ष्य हिट करने की क्षमता थी.

श्री अजीत डोभाल के अनुसार, "मिशन शक्ति, DRDO की ओर से एक बहुत ही साहसी कदम था. उन्होंने आगे कहा कि DRDO के पास गर्व करने के लिए बहुत सारी उपलब्धियाँ हैं; हालाँकि, भविष्य अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकियों में है." आगे उन्होंने बताया कि उपग्रह महत्वपूर्ण हैं और इस क्षमता के साथ, भारत अंतरिक्ष में अपनी संपत्ति का बचाव कर सकता है. ”

A-SAT मिशन ने उच्च ऊंचाई पर सटीक मार के लिए विभिन्न तकनीकों और क्षमताओं के विकास को सक्षम किया.

क्या आप जानते हैं कि परीक्षण से अंतरिक्ष मलबा (space debris) बना या नहीं?

निचले वातावरण में, यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण किया गया था कि कोई अंतरिक्ष मलबा नहीं है. और जो भी मलबा उत्पन्न होता है वह हफ्तों में पृथ्वी पर वापस गिर जाता है.

बाहरी अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय कानून के बारे में

1967 बाहरी अंतरिक्ष संधि अंतरिक्ष पर प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संधि है. संधि बाहरी अंतरिक्ष में केवल सामूहिक विनाश के हथियारों को प्रतिबंधित करती है न कि साधारण हथियारों को. भारत इस संधि का एक हस्ताक्षरकर्ता है. 1982 में, इसकी पुष्टि की गई.

कुछ तथ्य:

- DRDO ने मिशन शक्ति के तहत एक एंटी-सैटेलाइट (A-SAT) मिसाइल का परीक्षण किया, जिसने 300 किलोमीटर की लो अर्थ ऑर्बिट में एक जीवित उपग्रह को मारा.

- A-SAT बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम की एक संशोधित इंटरसेप्टर मिसाइल है.

- करीब तीन मिनट में मिशन पूरा हुआ था या खत्म हुआ था.
'

- मलबे को कम करने के लिए, लो अर्थ ऑर्बिट को चुना गया था.

- इंटरसेप्टर मिसाइल तीन चरणों वाली मिसाइल थी, जिसके शीर्ष पर मार करने वाला वाहन था.

- इस प्रकार की क्षमता का प्रदर्शन तीन अन्य देशों जैसे यू.एस., रूस और चीन ने किया है.

- यह परीक्षण ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से किया गया था.

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